इस खुबसूरत जगह को आप जानते है,पर पहचान नहीं पाओगे
आप में से कई लोग इस जगह के बारे में जानते है, और इस के बारे है। लेकिन अक्सर लोग यह नहीं जानते के यह जगह कितनी खुबसूरत है। मेरी ही तरह आपमें से ज्यादातर ने इस जगह के बारे में हमारे इतिहास के पाठ्यपुस्तको में पढ़ा होगा ।
यह वही जगह है जो सबसे पहले अंग्रेजो के चुंगुल से आजाद हुई। कुछ याद आया ?
जी हाँ , हम जो चित्र देख रहे है वह अंदमान का है। अंदमान
द्वीप हमारे पूर्व समुद्रतट से १००० किमी स्थित हैं और यह बंगाल खाड़ी से परे अंदमान के सागर में है ।
अंदमान में समुद्रतट पर पर समुद्रजल पारदर्शी दिखाई पड़ता है। इस जगह हम शामके वक्त डूबते हुए सूरज का खूबसूरत नजारा देख सकते है । सैलानी यहाँ के पानी में डुबकिया लगाने के लिए आते रहते है ।
कई तरह की दुर्लभ वनस्पतिया और समुद्री शैवाल और उसमे रहने वाले जिव हमें यहाँ देखने के लिए मिलते है। यहाँ का अक्सरियत भूभाग लगभग ८६% जंगलो से भरा हुआ है.
अंग्रेजी सरकार द्वारा भारत के स्वतंत्रता सैनानियों पर किए गए अत्याचारों की मूक गवाह इस जेल की नींव १८९७ में रखी गई थी। इस जेल के अंदर ६९४ कोठरियां हैं। इन कोठरियों को बनाने का उद्देश्य बंदियों के आपसी मेल-जोल को रोकना था। आक्टोपस की तरह सात शाखाओं में फैली इस विशाल कारागार के अब केवल तीन अंश बचे हैं। कारागार की दीवारों पर वीर शहीदों के नाम लिखे हैं। यहाँ एक संग्रहालय भी है जहाँ उन अस्त्रों को देखा जा सकता है जिनसे स्वतंत्रता सैनानियों पर अत्याचार किए जाते थे।

अंडमान
को निकोबार द्वीप के साथ समूहीकृत किया गया है । अंडमान द्वीप दूरस्थ और अधिकतर निर्वासित है। भारत में २०११ की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या ३८०,००० है। अंडमान और निकोबार कई छोटे छोटे द्वीपों का समूह है जैसे रॉस द्वीप, बेरन द्वीप, वाइपर द्वीप, सिंक व रडिस्किन द्वीप और नेल द्वीप
अंडमान स्वाभाविक रूप से सुंदर है और यात्रा प्रेमियों ने तो जरुर यहाँ की यात्रा करनी चाहिए ।