धर्म से परे को धर्मनिरपेक्ष कहते है ।
वह चीज , व्यक्ति तथा संस्था धर्मनिरपेक्ष है जो अपने विचारों और फैसलों को धर्म के आधार पर नहीं लेती ।
धर्मनिरपेक्ष के दुनिया मे मुख्यता दो तरह के परिभाषा देखने को मिलते है । इनमे भारत के धर्म निरपेक्षता की पारी भाषा बहुत खूब सूरत है । भारत के धर्मनिरपेक्ष परिभाषा मे विभिन्न धर्मों का सन्मान करते हुए उनके अधिकारों का संरक्षण है । जब की फ्रांस जैसे धर्म निरपेक्ष विचार मे सभी धर्मों को जबरदस्ती एक जैसा बनाने का विचार है । जो की अपने आप मे एक अन्यायकारी है ।