???? नींबू के पौधे में छाछ डालने से क्या होता है?

नींबू के पौधे की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई सारे किसान भाई नींबू के पौधे को छाछ डालने का सुझाव देते है । और बहुत सारे खेती से अनजान लोग बिना सोचे समझे नींबू के पेड़ को छाछ डालते है । अगर आप ने भी नींबू का पौधा लगाया है तो आप को भी इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए ।

इस लेख में, हम नींबू के पेड़ को छाछ देने के प्रभावों का पता लगाएंगे, इस दौरान छाछ डालने का प्रमाण के साथ साथ इससे जुड़े संभावित लाभ और जोखिम (नुकसान) दोनों के बारे में जानेंगे।

नींबू के पेड़ों पर छाछ के प्रभाव को समझने से पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि वास्तव में छाछ क्या है। परंपरागत रूप से, छाछ क्रीम से मक्खन को मथने के बाद बचा हुआ तरल पदार्थ है। यह थोड़ा अम्लीय होता है और इसमें लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया सहित विभिन्न प्रकार के लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं, जो अपने प्रोबायोटिक गुणों के लिए जाने जाते हैं।

नींबू के पेड़ में छाछ डालने से क्या होता है?

दूध से बना हुआ होने के वजह से छाछ में कैल्शियम होता है । छाछ को पानी में मिलाकर जमीन तथा पत्तों द्वारा नींबू के पौधे को डालने से उसे कैल्शियम की जरूरी मात्रा मिल जाती है । कैल्शियम की सही मात्रा मिलने पर नींबू का फल फटता नहीं और उसका आकार नॉर्मल या उस से बड़ा रहता है । इसलिए नींबू के पेड़ को छाछ डालने से बड़े नींबू आते है ।

दूसरी बात यह की , छाछ मे मौजूद अच्छे बैक्टीरीया जमीन मे जाकर पेड़ के लिए खाद बनाने का काम करते है । और पेड़ के विकास मे मदद करते है ।

छाछ में लैक्टिक एसिड बनाने वाले बैक्टीरिया होते है जो मिट्टी में पैदा होने वाले फायदेमंद सूक्ष्मजीव के लिए माहोल बनाते है । ये सूक्ष्मजीव मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ा सकते हैं जिस से पेड़ का प्राकृतिक रक्षा तंत्र सुधरता हैं।

नींबू के पेड़ 5.5 और 6.5 के बीच पीएच रेंज वाली थोड़ी अम्लीय मिट्टी में पनपते हैं। छाछ, थोड़ा अम्लीय होने के कारण बहुत अधिक क्षारीय मिट्टी के पीएच को कम करने में मदद करता है। यह अम्लीकरण पोषक तत्वों के उत्थान में सहायता कर सकता है और बेहतर समग्र विकास को बढ़ावा दे सकता है।

पोषक तत्वों की आपूर्ति छाछ में कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों मौजूद है। ये पोषक तत्व नींबू के पेड़ों को संभावित रूप से लाभान्वित कर सकते हैं, उनके समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता में योगदान कर सकते हैं।

नींबू के पेड़ में छाछ डालने के नुकसान

विषम परिस्थिति आउट अयोग्य मात्रा में नींबू के पौधे को छाछ डालने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है । इसलिए सिर्फ छाछ ही नहीं कोई भी खाद तथा पूरक का इस्तेमाल पेड़-पौधों पर करने से पहले इसकी जानकारी हासिल करना जरूरी होता है । इस से इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतने में आपको मदद मिलेंगी ।

जबकि अम्लीकरण फायदेमंद हो सकता है, छाछ जैसे अम्लीय पदार्थों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी के पीएच में असंतुलन हो सकता है, जिससे यह बहुत अधिक अम्लीय हो जाता है। यह नींबू के पेड़ों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। मिट्टी के पीएच स्तर की नियमित रूप से निगरानी करना और अम्लीय संशोधनों के अति प्रयोग से बचना महत्वपूर्ण है।

कुछ पौधे छाछ में मौजूद बैक्टीरिया या घटकों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। यह सलाह दी जाती है कि पेड़ के एक छोटे से क्षेत्र में छाछ का पतला घोल लगाकर और इसे अधिक व्यापक रूप से लगाने से पहले किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का अवलोकन करके एक छोटे पैमाने पर परीक्षण किया जाए।

किसी भी पौधे के पूरक की तरह, संयम आवश्यक है। छाछ के अत्यधिक उपयोग से पोषक तत्वों का असंतुलन हो सकता है या अवांछित कवक या बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा मिल सकता है। अच्छी तरह से संतुलित निषेचन और पानी देने की दिनचर्या के साथ पूरक के रूप में छाछ का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

नींबू के पेड़ में छाछ डालने की सही मात्रा क्या है ?

छाछ को आप सीधे सीधे पेड़ पे नहीं डाल सकते । इस के लिए आप को एक लीटर पानी में आप को 50 से 80 मिली छाछ का इस्तेमाल करना चाहिए । जमीन में डालने के लिए आप इसका बार-बार इस्तेमाल ना करे। दो बार के इस्तेमाल में कम से कम 25 दिन के अंतराल रखे । अगर इस्तेमाल के बाद बुरसी तथा फंगस दिखाई दे तो एंटी-फंगल दवाओ का छिड़काव करे ।

नींबू के पेड़ में क्या डालना चाहिए?

नींबू का पौधा बड़ा करने के लिए महीने में एक बार पानी छाछ और गुड़ का मिश्रण पूरक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते है । इस मिश्रण को आप ने एक दिन ऐसे ही छाव में रहने देना है । गुड़ के वजह से मिश्रण में मौजूद सूक्ष्मजीव बेहत तेजी के साथ बढ़ेंगे और ज्यादा सूक्ष्म द्रव्य उपलब्ध कराएंगे ।

नींबू के पेड़ को आप NPK खाद इस्तेमाल कर सकते है जिसमे नाइट्रोजन, फॉसपरस और पाटैश का अनुपात लगभग एक जैसा हो । जैसे की 8:8:8 , 10:26:26 , 19:19:19 इत्यादि ।

गोबर, नीम पेंड जैसे सेंद्रिय खाद भी आपने नींबू के पेड़ को डालना है ।

नींबू के पौधों को आप इस तरह बड़ा करे की सावधानी और संयम के साथ नींबू के पौधे में छाछ डेल जिस से आप के पौधे को जरूरी पोषण तत्व प्राप्त होंगे और वे अच्छी तरह बड़े होंगे। अच्छा विकास होने पर नींबू के पौधे जल्द ही बड़े आकार वाले नींबू देंगे ।

लेखक के बारे में ,
लेखक हिंदी भाषा मे टेक्नोलॉजी,ऑटोमोटिव, बिजनेस, प्रोडक्ट रिव्यू, इतिहास, जीवन समस्या और बहुत सारे विषयों मे रचनात्मक सामग्री के निर्माता और प्रकाशक हैं। लेखक अपने ज्ञान द्वारा वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करना पसंद करते है। लेखक को Facebook और Twitter पर ????????फॉलो करे ।
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