अगर आप प्रेग्नन्ट है या होने वाली हो तो जरूर हेपेटाइटिस  की जांच करा ले।  क्यों की यह आप और आप के बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है । 

by Imran Sayyad

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हेपेटाईटिस लिव्हर से जुड़ा एक संक्रमणकारी रोग है, जो वाईरस से होता है, और यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से, संक्रमित खून चढ़ाने से, दूषित पानी के जरिए या संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनाने से , या अन्य दूषित संक्रमित तरल पदार्थ के जरिए फैलता है । 

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हेपेटाईटिस की बीमारी में आप को थकान होना, पीला मल, पेट में दर्द, भूख में कमी, अस्पष्टीकृत वजन बढ़ना, पीली त्वचा और आंखें में पीलिया के लक्षण हो सकते हैं।  यह ज्यादा बढ़ने पर लीवर खराब होकर  जानलेवा हो सकता है । 

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हेपेटाइटिस पाँच  प्रकार के होते है, टाइप ए, बी , सी , डी और ई । टाइप ए और  बी के लीये टिकाकरण मौजूद है । और टाइप सी का इलाज करना पड़ता है ।  लेकिन आप प्रेग्नेंट है तो दवाओ के दुष्परिणाम के वजह से इसका इलाज मुश्किल हो जाता है । 

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इस लिए इसे वक्त रहते रोकना जरूरी है , प्रेग्नेंट होने से पहले अपनी  और अपने साथी और परिवार की हेपेटाइटिस टेस्ट जरूर कर ले , और  टीकाकरण भी कर ले । यही सब से सुरक्षित तरीका है ।  

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अगर आप को प्रेग्नन्सी में हेपेटाइटिस हो गया हु तो , तुरंत तो आप के बच्चे को कोई खतरा नहीं होगा । लेकिन उसके जन्म के बाद उसे वैक्सनैशन (टीकाकरण) कराना होगा। और जरूरत पड़ने पर इलाज भी जरूरी होगा ।  

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हेपेटाइटिस बी और एड्स में क्या अंतर है? 

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