Saap Ki Kheti : भला कोई साँप की भी खेती करता है क्या ?

saanp Ki Kheti: खेती करते हुए गाय, भैंस और बकरी जैसे जानवरों को पालना भारत में आम बात है । और आपो ने इस के बारे में बचपन से ही सुन रखा होगा । लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है की कोई सांपों की भी खेती (snake farming) कर रहा है और वह भी जहरीले वाले !

सांप की खेती कहां होती है?

चीन के झेजियांग प्रांत में खेतों से घिरा एक गाँव है जिसका नाम जिसिकियाओ है । इस गांव में सांप पालन ने स्थानीय किसानों के बीच दशकों से लोकप्रिय व्यवसाय बन गया है । चीनी चिकित्सा में सांप के जहर की बढ़ती हुई मांग ने यहाँ के लोगों को जहरीले सांप के खेती के लिए प्रेरणा दी है।

शुरू में यहाँ के लोग खेतों और जंगलों से सांपों को पकड़कर बेच देते थे । लेकिन धीरे धीरे इलाके में से सांप खत्म होने लग गए । इस लिए कुछ दशकों पहले यहाँ के किसानों को अपने खेतों में ही सांपों के प्रजाति प्रजनन कर पालन करना शुरू कर दिया । अब यहाँ के किसान इस से अच्छी खासी कमाई कर लेते है ।

snake ki photo
सिमेन्ट कहे गड्ढे बनाकर पाले हुए कोबरा प्रजाति के सांप

यहां के किसी भी किसान परिवार के घर में कदम रखते ही मेहमानों को दुनिया भर के सबसे खतरनाक जीवों के दर्शन हो जाते है । किसान परिवार इस से बिल्कुल असहज महसूस नहीं होते । क्यों की इसके पीछे उनकी हजारों डॉलर की आकांक्षाए जुड़ी होती है ।

पाल रखे है 30 लाख से ज्यादा सांप है

इस गाँव मे लगभग 160 से ज्यादा किसान परिवार रहते है और उन्हों ने कुल मिलाकर 30 लाख से ज्यादा सांप पाल रक्खे है । वैसे भी आप ने सुना ही होगा चीनी लोग सांप को पका कर , सूखा कर , अचार बनाकर , सूप बनाकर खा और पी जाते है । इस लिए लोकल मार्केट में ही यह बिक जाते है ।

snake soup
Snake soup” by Ohconfucius (talk) (Uploads) is licensed under CC BY-SA 3.0.

चीन के साथ साथ पूरे दुनियाँ में इन सांपों से निकलने वाले जहर का उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने सहित विभिन्न उपचारों के लिए किया जाता है। इसी लियें यहाँ के किसानों ने अपरंपरागत खेती प्रथा – साँप पालन – में संलग्न होकर खेती को एक नए स्तर पर ले गए है।

दुनिया भर में सबसे खतरनाक प्राणियों में से एक माने जाने के बावजूद, इन खेतों में सांपों को खेती के कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए पाला जाता है। हैरानी की बात यह है कि यह गांव लगभग 30 लाख सांपों का घर है, जिन्हें न केवल स्थानीय बाजार में बेचा जाता है, बल्कि अमेरिका, रूस, दक्षिण कोरिया और जर्मनी सहित कई अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है।

दशकों पुरानी परंपरा है साँप के खेती करने की

उल्लेखनीय रूप से, इस क्षेत्र में साँप पालन की परंपरा 1980 के दशक से चली आ रही है। खेती के तरीके पुरानी और आधुनिक तकनीकों का मिश्रण हैं, जो इसे स्थानीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक दिलचस्प पहलू बनाते हैं।

रिपोर्टों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में 160 से अधिक साँप फार्म हैं, और इस अद्वितीय उद्यम ने एक हजार से अधिक ग्रामीणों को आजीविका प्रदान की है। कई लोगों ने इस उद्यम में सफलता पाई है, और साँपों की खेती से महत्वपूर्ण आय अर्जित की है।

हालाँकि यह अपरंपरागत लग सकता है, लेकिन चीन के इस हिस्से में साँप पालन एक व्यवहार्य और आकर्षक कृषि पद्धति साबित हुई है। यह न केवल देश के भीतर औषधीय मांगों को पूरा करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों को भी पूरा करता है, जिससे यह इसमें शामिल लोगों के लिए एक असाधारण और दिलचस्प प्रयास बन जाता है।

भारत में सांपों की खेती गैरकानूनी है । फिर भी कुछ लोग इस तरह के सर्प पालन में रुचि दिखा रहे है । लेकिन यहाँ पर यह इतना में आसान नहीं है, इसके लिए वन विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है । सांपों का पालन आप दवाओ के निर्माता सरकारी ठेकेदारों से अनुबद्ध कर के ही कर सकते है। गाजीपुर, जमशेड पुर में इस तरह के फार्म मौजूद है ।

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