अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी दिखती है?

हम सभी जानते है की ब्रम्हांड-अंतरिक्ष हमारी कल्पना से बहुत बड़ा है । जिसके अंदर विशालकाय आकाशगंगाए है, तारे है और छोटे-बड़े खरबो की तादाद में ग्रह है। इन्ही अरबों-खरबो ग्रहो में हम पृथ्वी नाम के एक खूबसूरत ग्रह पर रहते है। यह ग्रह ही हमारा एकलौता रहने लायक घर है। और इसके बारे में अभीतक हम सबकुछ नहीं जानते। जब भी कोई इंसानी बच्चा छोटे से बड़ा होता है उसे कई विज्ञान से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ता है । उन्हीमे से एक सवाल हम सभी को उत्सुकता दिलाता है, और बचपन मे हमने इसका जवाब खोजने की भरपूर कोशिश की है । यह सवाल है “अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी दिखती है ?”

विज्ञान की तरक्की और सैटेलाइट की बदौलत इस सवाल का जवाब हमे मिल गया है । पिछले कुछ दशकों से हजारों सैटेलाइट पृथ्वी (Earth) के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे है । इन्ही सैटेलाइट ने करोड़ों की तादाद अंतरिक्ष से पृथ्वी की तस्वीरे ली है और हमे वापिस भेजी है । अंतरिक्ष से ली हुई इन तस्वीरों से पृथ्वी के बारे मे हमे भरपूर जानकारी हासिल हुई । और हर एक स्कूल जाने वाला बच्चा अब तस्वीरों मे आसानी से यह जान सकता है की पृथ्वी कैसी दिखती है । हमारे पृथ्वी के बारे मे सम्मान जताने के लिए प्रति वर्ष २२ अप्रेल को हम पृथ्वी दिवस मनाते है ।

अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी दिखती है? | Antriksh se prithvi kaisi dikhti hai?

अंतरिक्ष से देखने पर हमारी पृथ्वी नीले रंग के गोले की तरह दिखती है । और अंतरिक्ष यात्रियों की माने तो यह एक बिल्कुल ही अजब एहसास होता है। दूर से देखनेपर तो वह एक छोटेसे गोटी की तरह दिखती है लेकिन अरबों इंसान और खरबों दूसरे जीवों को यह घर देखने वाले को निस्तब्ध कर देती है । इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जब अंतरीक्षविर पृथ्वी के खूबसूरती को निहारते है तो उनकी निगाए अपने घर और मशहूर ठिकानों को खोजती है । पृथ्वी के अलावा सारी और सितारों से भर घोर काले रंग का विशालकाय अंतरिक्ष दिखाई देता है। जिसके अंत के बारे मे कुछ कहने के लिए इंसान बेबस है ।

Antriksh se prithvi kaisi dikhti hai ? – Audio Version


पृथ्वी हमारा गृह ग्रह है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी का निर्माण अरबों साल पहले हुआ था। यह सूर्य (Sun) का तीसरा सबसे निकटतम ग्रह है। सौरमंडल के सिर्फ चार ग्रह पृथ्वी से बड़े हैं, और बाकी तीन ग्रह आकार मे छोटे हैं। पृथ्वी को बाकी ग्रहों से कोई चीज अलग करती है तो वह है पानी । सिर्फ पानी की वजह से पृथ्वीपार जीवन संभव हुआ है ।

अंतरिक्ष से पृथ्वी का चित्र | Antriksh se pruthvi ka photo

अंतरिक्ष से पृथ्वी सफेद ज़ुल्फ़ों वाले नीले संगमरमर की तरह दिखती है। पृथ्वी के चित्र मे यह जुल्फों जैसा दिखने वाला सफेद रंग बादलों और तूफ़ानों के बवंडरों का होता है । कुछ भाग भूरे, पीले, हरे और सफेद होते हैं। नीला भाग पानी है और यह पृथ्वी के अधिकांश भाग को कवर करता है। सफेद भंवर बादल हैं। भूरा, पीला और हरा भाग भूमि है। और उत्तरी सफेद भाग बर्फ हैं।

भूमध्य रेखा पृथ्वी के केंद्र के चारों ओर एक काल्पनिक रेखा है। मानचित्र निर्माता पृथ्वी को दो भागों में विभाजित करने के लिए रेखा का उपयोग करते हैं। उत्तरी आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध कहा जाता है। दक्षिणी आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है। पृथ्वी पर सबसे उत्तरी बिंदु उत्तरी ध्रुव है। पृथ्वी पर सबसे दक्षिणी बिंदु दक्षिणी ध्रुव है।

चंद्रमा से पृथ्वी कैसी दिखती है ? | Chandrama se pruthvi kaisi dhikhti hai?

जिस तरह हम पृथ्वी से हम चंद्रमा (Moon) को देखते है बिलकुल उसी तरह चंद्रमा से हम पृथ्वी को देख सकते है। चंद्रमा से पृथ्वी एक लटका हुआ बड़ा नीला दिखाई देती है। पृथ्वी का प्रकाशित हिस्सा खुलकर दिखता है और अप्रकाशित वाला धुंदला और काला दिखाई देता है । उसे देखते हुए हमे जबरन यह विश्वास करना पड़ता है के यह छोटासा दिखाई देने वाला गोला ही अरबों इंसान और अनगिनत दूसरे जीवों का घर है । यह नजारा बहुत ही अद्भुत होता है ।

सौरमंडल में पृथ्वी | Saurmandal me pruthvi

पृथ्वी सौरमंडल (Solar Syatem) का पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 150 मिलियन किलोमीटर है जो सालभर मे घटती बढ़ती है । यह चार बड़े गैस से भरे ग्रह – बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून से छोटा है, लेकिन तीन अन्य चट्टानी ग्रहों, बुध, मंगल और शुक्र से बड़ा है। यह एकलौता जीवन अनुकूल ग्रह है । इसका सौरमंडल मे स्थान , आकार और वातावरण इसे इंसानों के रहने लायक बनाता है । मंगल ग्रह पृथ्वी से 54.6 मिलियन किलोमीटर दूर है। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 384,400 किलो मीटर है ।

पृथ्वी का आकार कैसा है ? | Pruthvi ka aakar kaisa hai?

पृथ्वी का व्यास लगभग 8,000 मील (13,000 किलोमीटर) है और यह ज्यादातर गोल है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण आमतौर पर पदार्थ को एक गेंद की तरह गोलाकार में खींचता है। लेकिन घूमने के कारण यह अपने ध्रुवों पर थोड़ा खिच जाता है और भूमध्य रेखा पर फूल जाता है, जिससे पृथ्वी का वास्तविक आकार एक “चतुर्भुज गोलाकार” बन जाता है।

तकरीबन २००० से अधिक वर्षों से लोग जानते हैं कि पृथ्वी गोल है! ग्रह के बारे में जानने के लिए, प्राचीन यूनानियों ने छाया को मापा और अंदाजा लगाया था उन्होंने सितारों का अध्ययन किया था । उन्होंने पृथ्वी की परिधि (यह पृथ्वी के चारों ओर कितनी दूर है) का पता लगाने के लिए गणित का उपयोग किया। और उन्होंने चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की गोल छाया देखी।

आज वैज्ञानिक पृथ्वी के आकार, गुरुत्वाकर्षण और घूर्णन को मापते हैं। वे जीपीएस और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हैं। उनके माप से पता चलता है कि पृथ्वी गोल है। और उपग्रहों और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अंतरिक्ष से ली गई तस्वीरें भी पृथ्वी के वक्र को दर्शाती हैं।

लेकिन हकीकत मे पृथ्वी अंतरिक्ष से गोल दिखाई देने के बावजूद भी पूर्ण गोला नहीं है, इसके दो ध्रुव थोड़े चपटे हैं । और इसका आकार सूर्य के बाहर परिभ्रमण करते वक्त गुरुत्वाकर्षण के परिणाम मे लगातार बदलता रहता है, लेकिन एक बार में केवल थोड़ा सा । आप इसके आकार को हलका सा अंडाकृती कह सकते है ।

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