उच्च उत्पादन क्षमता को ध्यान मे रखते हुए DBW 296 (Karan Aishwarya)सबसे अच्छा गेहूं का बीज है । और स्वाद और रोटी बेकिंग क्वालिटी के लिए भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की माने तो “PBW1Chapati” का बीज सबसे अच्छा है ।
DBW 296 (करण ऐश्वर्या) आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित एक नई उच्च उपज वाली गेहूं की प्रजाति है। इसे भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (NWPZ) के लिए जारी किया गया है।
NWPZ में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों (जम्मू और कठुआ जिला), हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (उना जिला और पांवटा घाटी) शामिल हैं। ) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) आते है ।
अलग-अलग राज्यों और मौसम के हिसाब से किसानी के लिए विभिन्न प्रकार के गेहूं के बीज सुझाए जाते है । इसके अलावा कुछ उन्नत किस्म के गेहूं के बीज के नाम कुछ इस तरह है ,
DBW 327 (Karan Shivani)
DBW 332 (Karan Aditya)
Hi 8759 (पूसा तेजस)
HD 4728(Pusa Malawi)
HW 5207 (COW3)
HS 562
HD 3171
HD 3171
DBW 222
DBW 252
DDW47
KARAN VANDANA (DBW 187)
गेहूं के बीज की उन्नत किसमे और उनकी खासियत
1
DBW 327 (Karan Shivani)
इसे उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया है. जैसे की पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर को डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तरप्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में इसकी खेती करने से बंपर उत्पादन मिलेगा.
विशेषताए,
इसकी उत्पादन क्षमता 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो कि HD 2967 से 35.3 फीसदी अधिक है
संभावित उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
सूखे के प्रति सहनशील है. उच्च तापमान में भी उच्छा उत्पादन देती है
बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल जाती है
बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है
2
DBW 332 (Karan Aditya)
उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर) और पश्चिमी यूपी (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिला) के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (उना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) के लिए इस गेहूं के बीज की सिफारिश हैं।
विशेषताए,
इसकी उत्पादन क्षमता 78.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
संभावित उपज 83.0 क्विंटल/हेक्टर है।
स्ट्राइप और लीफ रस्ट के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है
3
Hi 8759 (पूसा तेजस)
पूसा तेजस किस्म भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के इंदौर संस्थान द्वारा विकसित की गई है। इस किस्म को वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसानों के लिए जारी की गई थी जिसे पूसा तेजस एचआई 8759 के नाम से भी जानी जाती है। यह गेहूं के बीज की प्रजाति मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान( कोटा एवं उदयपुर डिवीज़न) एवं उत्तरप्रदेश (झाँसी डिवीज़न) की जलवायु के लिए उपुक्त पाई गई है | इसकी |
विशेषताए,
उत्पादन क्षमता 75.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
औसत उपज 57.0 क्विंटल/हेक्टर है।
बेहतर गुणवत्ता के साथ-साथ जैविक एवं अजैविक दबाव प्रतिरोधी हैं
फसल 115-125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है
गेहूं की पूसा तेजस किस्म में कल्ले की अधिकता होती है
DBW 296 (Karan Aishwarya)
उच्च उत्पादन क्षमता को ध्यान मे रखते हुए DBW 296 (Karan Aishwarya) सबसे अच्छा गेहूं का बीज है । और स्वाद और रोटी बेकिंग क्वालिटी के लिए भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की माने तो “PBW1Chapati” का बीज सबसे अच्छा है ।
Editor's Rating: 4.7
Pros
उच्च उत्पादन क्षमता : 83.3 q/ha
पीले, भूरे और काले जंग और अन्य पर्ण रोगों के लिए प्रतिरोधी
सूखे के प्रति प्रतिरोधी
फूफूँद नाशक दवाओ की बचत
Cons
उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के अलावा ज्यादा प्रचलित नहीं