धर्म परिवर्तन कैसे करे?

भारत का संविधान हमें लीगल प्रोसीज़र फॉलो करने के बाद धर्म परिवर्तन करने की इजाजत देता है। वैसे तो कोई भारतीय इरादा करने के वक्त ही किसी और धर्म में अपने आप को दाखिल कर सकता है, लेकिन आगे चलकर कई सारी कानूनी दिक्कतें आती हैं। कानूनी दिक्कतों से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा तय की गई प्रोसीज़र फॉलो करने के बाद अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है तो उससे आगे कोई दिक्कत नहीं आयेगी ।

भारत में धर्म परिवर्तन

वैसे तो भारत एक हिंदू बहुल देश है, लेकिन यहाँ पर हिंदू धर्म के अलावा कई सारे धर्म के लोग अच्छी खासी तादाद में रहते हैं। सैकड़ों लोग हर रोज़ अपने धर्मों को छोड़कर किसी और धर्म में शामिल होते हैं। यह धर्मपरिवर्तन किसी भी धर्म से किसी भी धर्म में हो सकता है। हाल ही के दिनों में यह देखा गया है की धर्म परिवर्तन की तादाद भारत में बढ़ रही है। कई मामलों में यह धर्म परिवर्तन समाज में झगड़े का कारण बन जाता है।

वैसे तो भारतीय संविधान ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। लेकिन कभी कभी धर्मांध लोग, गुस्सा परिवार वालों के दखल देने और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए कानूनों के वजह से अपनी मर्ज़ी से धर्म परिवर्तन में भी परेशानियां खड़ी हो जाती । इसलिए यह बात जरूरी हो जाती है कि कोई भी धर्म परिवर्तन करने वाला कानूनी प्रक्रियाओं का और नियमों का पालन करते हुए अपना धर्म परिवर्तन करें।

धर्म परिवर्तन कैसे करे ? | Dharm parivartan kaise kare

शॉर्ट मे कहे तो कानूनी प्रक्रिया द्वारा “आप अपने धर्म को नोटरीकृत हलफनामा, अखबार में विज्ञापन और राजपत्र में धर्म परिवर्तन की सूचना देकर बदल सकते हैं।

इसलिए आज हम इस पोस्ट के द्वारा उन कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जानेगे जिसका पालन करते हुए आप अपनी इच्छा से दूसरे धर्म में अपना धर्मांतरण कानूनी तौर पर कर सकते हैं।

धर्म परिवर्तन की कानूनी प्रक्रिया

निम्न पाँच स्टेज में दी हुई प्रक्रिया का पालन कर आप कानूनी तरीके से अपना धर्म परिवर्तन कर सकते है ,

धर्म की दीक्षा लेना / धर्मगुरु से धर्म परिवर्तन विधि करना

सारी कानूनी प्रक्रिया शुरू करने से पहले आप किसी धर्म मे दाखिल होने की विधि कर सकते है । लेकिन कानूनी तौर पर आप अभी भी अपने पूर्व धर्म मे हो। आप जिस धर्म मे भी जाना चाहते है आप उस धर्म के मान्यताप्राप्त तथा नोंदनीकृत धर्म स्थल के धर्म गुरु को अपने धर्म परिवर्तन के बारे मे सूचित करे । वह धर्म गुरु आप को नए धर्म के मान्यताओ और तौर तरीकों को आप को समझाएगा और विधि कार्यक्रम के माध्यम से आप का विधिवत धर्म परिवर्तन करा देगा ।

इसके तुरंत बाद आप अपने नए धर्म का अनुपालन शुरू कर सकते है । लेकिन अगर किसी को आप के इस निर्णय से दिक्कत है तो बेहतर होगा की आप कानूनी प्रक्रिया पूरी होनेतक अपने नए धर्म के अनुपालन को छुपाये रखे । धर्म परिवर्तन करने वाले धर्मस्थल के लेटेर हेड पर आप को धर्म परिवर्तन की विधि, धर्मगुरु,स्थल, वक्त के बारे मे जानकारी दो साक्षीदारों के स्वाक्षरी से लिखवाकर रखनी होगी । और विधि के तस्वीर भी खिचकर रखे ।

हलफ़नामा बनाना

धर्म मारिवर्तन करने के बाद सभी तरह के सरकारी दस्तावेज , पहचान पत्रों मे इसका परावर्तित होना जरूरी होता है । इसतरह के बदलाव कानूनी तौरपर स्वीकृत दस्तावेज और पहचान पत्रों मे करने के लिए धर्म परिवर्तन का शपथ पत्र तथा हलफ़नामा अनिवार्य है । हलफ़नामा एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमे आप को नाम, नया नाम , पुराना धर्म, नया धर्म और पता जैसी जानकारी शामिल करनी होती है ।

इस तरह के हलफनामे को स्टाम्प पेपर पर टाइप या प्रिन्ट करवाकर पब्लिक नोटरी से रजिस्टर करवाना होता है । हलफ़नामा लिखवाने के लिए आप सीधे किसी जाने माने नोटरी वेंडर के पास जा सकते है । शपथपत्र का नमूना उनके पास पहले से मौजूद होता है । इसमे आप को ज्यादा से ज्यादा १००० रुपये तक खर्च या सकता है ।

अखबार मे विज्ञापन देना

धर्म परिवर्तन मे अगला कदम है की आप किसी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय समाचार पत्र मे अपने धर्म परिवर्तन का विज्ञापन दे । इस विज्ञापन मे आप को अपने बारे मे और नए धर्म के बारे मे विवरण देना होगा और लोगों से उनके आपत्ति के बारे मे पूछना होगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है की आपके धर्म परिवर्तन पर कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं है और यह किसी भी कपटपूर्ण या अवैध कारणों से नहीं किया जा रहा है।

अखबार के विज्ञापन में नाम, उम्र, और पता जैसे विवरण निर्दिष्ट करने चाहिए। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि आप अपना धर्म बदल रहे हैं। अब समाचार पत्र मे दिए गए विज्ञापन के कुछ प्रति को आप हमेशा संभालकर रखे , ताकि जरूरत पड़नेपर उसे संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके ।

भारतीय राजपत्र मे सूचना देना

कानूनी रूप से धर्म परिवर्तन के अंतिम चरण मे राष्ट्रीय राजपत्र में अधिसूचना का देना है। राष्ट्रीय राजपत्र भारत सरकार के केंद्र द्वारा प्रकाशित एक ऑनलाइन रिकॉर्ड है। राजपत्र आवेदन दाखिल करने के लिए, निम्नलिखित चीजें प्रस्तुत करनी होंगी:

  1. स्वहस्ताक्षरित शपथ पत्र / हलफ़नामा
  2. समाचार पत्र की मूल प्रति
  3. आवेदक के हस्ताक्षर कर के दो साक्षीदारों के हस्ताक्षर के साथ विधिवत टाइप किया गया निर्धारित प्रोफ़ार्मा की २ प्रतिया
  4. एम एस वर्ड मे बिना साक्षी भाग की मुद्रित सामग्री समाविष्ट सीडी (सॉफ्ट कॉपी )
  5. स्व सत्यापित २ फोटो , स्व सत्यापित आयडी प्रूफ की कॉपी
  6. आवेदक द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र जिसमे लिखा हो की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी की विषय सूची एक समान है
  7. अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन पत्र ( १३०० /- रुपये )

राजपत्र गजेट मे प्रकाशन

राजपत्र मे सूचना प्रकाशित करने केलिए आवेदन दायर किए जाने के बाद, विभाग आवेदन का बारीकी से निरीक्षण करेगा और एक बार उन्हें यकीन हो जाएगा कि सब कुछ क्रम में है, धर्म परिवर्तन घोषणा ई-गजट में प्रकाशित की जाएगी। आवेदन सफलता पूर्वक प्रस्तुत करने के बाद, प्रकाशन को ई-गजट में प्रदर्शित होने में 60 कार्य दिवस लगते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ई-गजट केवल शनिवार को प्रकाशित किया जाता है।

एक बार राजपत्र मे प्रकाशन हो ने के बाद आपका एजेंट आप को ईमेल के माध्यम से राजपत्र की एक प्रति भेजेगा। आपको अपने रिकॉर्ड के लिए एक प्रति प्रिंट कर अपने पास रखनी होगी । इसके आगे कोई प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं है।

यह सब प्रोसीजर आप किसी जानकार वकिल या एजेंट के द्वारा कर सकते है । ऐसे कई लीगल सर्विस प्रदाता है जो इस काम को बखूबी जानते है ।

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