ब्रॉडबैंड क्या होता है ?

ब्रॉडबैंड क्या होता है ? : ब्रॉडबैंड मतलब ज्यादा बैन्ड्विड्थ वाला डाटा कनेक्शन होता है । ब्रॉडबैंड (Broadband) एक अंग्रेजी शब्द है जो broad + bandwidth के मिलाप से बनता है । जहां ब्रॉड का मतलब ज्यादा बड़ा तथा चौड़ा होता है तो बैंडविड्थ डाटा ट्रांसफर करने वाले सिग्नल के कपैसिटी स्लॉट होते है । आसानी से समझे तो ज्यादा ब्रॉड विड्थ वाला बैंड इस्तेमाल कर डाटा भेजनेवाला इंटरनेट कनेक्शन ज्यादा स्पीड से (ज्यादा Gbps) से डाटा डाउनलोड और उपलोड कर सकता है ।

आम तौर पर bandwidth शब्द इंटरनेट के स्पीड को संदर्भित करता है । दूरसंचार में, ब्रॉडबैंड व्यापक बैंडविड्थ डेटा ट्रांसमिशन है जो कई सिग्नलों को एक साथ अलग अलग कई तरह के फ्रीक्वन्सी मे तब्दील कर तेज गति से डाटा भेजता है । इस तकनीक को इस्तेमाल करने वाले कई तरह के उपकरण हो सकते है । केबल मॉडेम, ऑप्टिकल फाइबर, वायरलेस इंटरनेट (रेडियो) या उपग्रह हो सकता है।

ब्रॉडबैंड क्या होता है ? | Broadband kya hota hai ?

ब्रॉडबैंड हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन पर व्यापक बैंडविड्थ डेटा का प्रसारण है। एफसीसी (FCC) के अनुसार ब्रॉडबैंड इंटरनेट की परिभाषा न्यूनतम 25 Mbps डाउनलोड और 3 Mbps अपलोड गति है। ब्रॉडबैंड फाइबर ऑप्टिक्स, वायरलेस, केबल, डीएसएल और सैटेलाइट सहित कई प्रकार की तकनीकों के माध्यम से हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है।

ब्रॉडबैंड कनेक्शन के प्रकार

ब्रॉडबैंड इंटरनेट कई अलग-अलग तकनीकों के माध्यम से स्थान के आधार पर अलग-अलग उपलब्धता के साथ दिया जाता है। आप कौन सी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा चुनते हैं यह आपकी ज़रूरतों, प्राथमिकताओं, लागत और आप कहाँ रहते हैं इस पर निर्भर करेगा।

फाइबर ऑप्टिक (Fibre Optics Broadband)

फाइबर ऑप्टिक्स टेक्नॉलजी मे प्रकाश के जरिए बेहत तेज गति से डाटा ट्रांसफर होता है । फाइबर आप्टिक्स केबल के अंदर प्रकाश किरण को वहन करने की क्षमता होती है । इसमे इलेक्ट्रिसिटी कम लगती है और डाटा लॉस भी मामूली स होता है । केबल द्वारा डाटा ट्रांसफर करने का यह आज तक का सबसे तेज तरीका है ।

फायबर आप्टिक ब्रॉड्बैन्ड कनेक्शन सबसे विश्वसनीय होते है और अन्य माध्यमों के तुलना मे सबसे ज्यादा बैन्ड्विड्थ मुहाय्या कराते है । फायबर आप्टिक्स की साधारण बैन्ड्विड्थ 940 Mbps तक होती है । कुछ मामलों मे यह गीगाबिट्स पर सेकंड मे डाटा ट्रांसफर कर सकता है ।

फाइबर ऑप्टिक्स का उपयोग लंबी दूरी और उच्च-प्रदर्शन डेटा नेटवर्किंग के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर दूरसंचार सेवाओं, जैसे इंटरनेट, टेलीविजन और टेलीफोन में भी उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, वेरिज़ॉन और गूगल क्रमशः अपने वेरिज़ोन एफआईओएस और गूगल फाइबर सेवाओं में फाइबर ऑप्टिक्स का उपयोग करते हैं, उपयोगकर्ताओं को गीगाबिट इंटरनेट गति प्रदान करते हैं।

वायरलेस (Wireless Broadband)

वायरलेस ब्रॉडबैंड (WiBB) एक वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN) या वायरलेस वाइड एरिया नेटवर्क (WWAN) के माध्यम से दी जाने वाली हाई-स्पीड इंटरनेट और डेटा सेवा है। अन्य वायरलेस सेवाओं की तरह, वायरलेस ब्रॉडबैंड या तो फिक्स्ड या मोबाइल हो सकता है।

वायरलेस ब्रॉडबैंड (Wi-Fi) केबल के बजाय रेडियो सिग्नल का उपयोग करके घर या व्यवसाय दफ्तर को इंटरनेट से जोड़ता है। इसका साधारण स्पीड 300 Mbps तक का होता है । वायरलेस ब्रॉडबैंड दूरसंचार तकनीक है जो एक विस्तृत क्षेत्र में हाई-स्पीड वायरलेस इंटरनेट एक्सेस या कंप्यूटर नेटवर्किंग एक्सेस प्रदान करती है।

इसका मुख्य फायदा यह है के दूर दराज के मुश्किल इलाकों मे आप को केबल लाइन बिछाना नहीं पड़ती । आप को बस बेस स्टेशन के कवरेज क्षेत्र मे एक रीसीवर अँटिना और ब्रॉड्बैन्ड मॉडेम की जरूरत होगी । इस कवरेज एरिया मे आप कई कनेक्शन बिना वायर के जोड़ सकते है ।

डीएसएल (DSL Broadband)

DSL का मतलब डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन/लूप है और यह एक संचार माध्यम है जो कॉपर टेलीफोन लैंडलाइन के माध्यम से डेटा प्राप्त करता है। डीएसएल ब्रॉडबैंड इंटरनेट एक्सेस का प्राथमिक रूप है और डीएसएल मॉडम के माध्यम से डेटा संचारित करने के लिए मौजूदा टेलीफोन वायरिंग का उपयोग करता है, जिससे इंटरनेट सभी के लिए सुलभ हो जाता है।

DSL तीन प्रकार का होता है :

  1. एडीएसएल (ADSL) :- असममित (Asymmetric) डीएसएल तेज डाउनलोड गति प्रदान करता है। डेटा प्राप्त करना डेटा भेजने की तुलना में तेज़ है। डाउनलोड स्पीड 20 एमबीपीएस तक और अपलोड 1.4 एमबीपीएस तक।
  2. एसडीएसएल (SDSL) :- सममित (Symmetric) डीएसएल इनकमिंग और आउटगोइंग आवृत्तियों को समान रूप से विभाजित करता है, इसलिए अपलोड और डाउनलोड बिटरेट समान हैं।
  3. वीडीएसएल: (VDSL) :- अति उच्च गति वाली डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन- पूर्व एचडीएसएल पर एक अपग्रेड, वीडीएसएल 52 एमबीपीएस तक की डाउनलोड गति और 16 एमबीपीएस तक की अपलोड गति प्रदान करते हुए अत्यंत उच्च आवृत्तियों से जुड़ता है। VDSL2 अपलोड और डाउनलोड दोनों के लिए 100Mbps तक की गति प्रदान कर सकता है।

सैटेलाइट (Satellite Broadband)

सैटेलाइट इंटरनेट सैटेलाइट टीवी की तरह ही काम करता है। यह एक इंटरनेट सेवा प्रदाता के साथ शुरू होता है जो उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में अंतरिक्ष में भेजता है। अब ISP (Internet Service Provider) उन घूमते हुए सैटेलाइट द्वारा इंटरनेट का सिग्नल पृथ्वी की और भेजता है । उस सैटेलाइट की uplink और downlink बैन्ड्विड्थ का कुछ हिस्सा कनेक्शन लेने वाले के लिए मुहाय्या किया जाता है ।

सैटेलाइट से सिग्नल लेने और भेजने के लिए रिसीवर को आम तौर पर आपके घर या व्यवसाय में एक ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहाँ तक संभव हो आकाश खुला हो। आने वाले सिग्नल को एक व्यावहारिक इंटरनेट कनेक्शन में अनुवाद/बदलने के लिए आप को उस डिश से एक मॉडेम को कनेक्ट करना होता है । एलोन मस्क का स्टारलिंक इंटरनेट इसका एक उदाहरण है ।

उपग्रह के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में यह सबसे अच्छा विकल्प होता है। दूर दराज के इलाके जैसे हिमालय की चोटिया , आसाम के जंगल , सहारा का रेगिस्तान और अरबी समुद्र जैसे इलाकों मे इसकी मदद से इंटरनेट हासिल कर सकते है । यह तब भी काम करता है जबकि जमीन से जुड़े सारे कनेक्शन टूट जाए । जैसा के हमने युद्ध क्षेत्रों मे देखा है ।

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